ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का वार्षिक अधिवेशन | हज सब्सिडी, मॉब लचिंग व एनआरसी पर उलेमा ने विचार विमर्श किया
लखनऊ। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का वार्षिक अधिवेशन 8 दिसम्बर रविवार को को साइंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर में मुनअक़िद हुवा । बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना साएम मेहंदी एवं प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास सहित अन्य धर्म गुरु ने सभा को सम्भोधित किया ।
अधिवेशन 2019 में एनआरसी पर बोर्ड के दृष्टिकोण, सऊदी अरब के मदीने मुनव्वरा में जन्नतुल बकी के रौजों की तामीर, हज सब्सिडी सहित 13 बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया गया । अधिवेशन में देश भर के धर्म गुरु, उलेमा समेत समुदाय के जिम्मेदार लोगो ने शिरकत की।
हम अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक हैं, सरकार को हमें आरक्षण देना चाहिए, सच्चर कमेटी में हमारी अनदेखी की गई। शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक साथ मर्ज नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को हज सब्सिडी को फिर से बहाल कर कर्बला जाने वाले जायरीनों को हवाई किराए में सब्सिडी मिलनी चाहिए।
हम अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक हैं इसलिए हमें जनगणना में एक अलग से कॉलम दिया जाना चाहिए। इन सब मांगों के साथ हमारा डेलिगेशन जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कंवेंशन सेंटर में आयेाजित ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के वार्षिक अधिवेशन में प्रेस वार्ता के दौरान ये बात की।
मौलाना यासूब ने कहा कि आज दुनिया भर में शिया समुदाय के लोगों पर अत्याचार हो रहा है। हम अफगानिस्तान में मारे जा रहे हैं, हम पाकिस्तान में मारे जा रहे हैं।
हमारे लिए कनाडा ने दरवाजे खोल दिए हैं। वहां आश्रम बनाए जा रहे हैं। क्या हिंदुस्तान सरकार शियाओं के लिए दरवाजे नहीं खोल सकती है। हम अल्पसंख्यकों मे भी अल्पसंख्यक हैं। हम प्रस्ताव भेजेंगे पीएम मोदी और राष्ट्रपति और अध्यक्ष से भी मिलेंगे।
आज दुनियाभर में शिया मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। हमारा समुदाय जितना पीड़ित और जुल्म का शिकार है, शायद ही दुनिया की कोई और कौम इतना जुल्म सह रही हो।
शिया मुस्लिमों को पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मारा जा रहा है। भारत में भी शिया मुसलमान अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक हैं। यह बातें ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना यासूब अब्बास ने रविवार को कहा। मौलाना यासूब अब्बास राजधानी के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के वार्षिक अधिवेशन में बोल रहे थे।
अधिवेशन में देश भर से शिया समुदाय के बुद्धिजीवी और धार्मिक नेता शामिल हुए हैं। अधिवेशन में शियाओं के अधिकारों, उनकी समस्याओं, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक तथा बौद्धिक स्थिति पर चर्चा की जा रही है।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना यासूब अब्बास ने बताया है कि जलसे में एनआरसी, माॅब लिंचिंग और सरकार द्वारा शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक करने संबंधी कवायद पर भी चर्चा की जा रही है। मौलाना ने कहा कि शियाओं के लिए कनाडा ने अपने देश के दरवाजे खोल दिए हैं।
हमारी मांग है कि भारत सरकार भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शिया मुसलमानों का यहां स्वागत करे। बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस संबंध में प्रस्ताव भेजेंगे।
एनआरसी पर पुनर्विचार कर ले सरकार
मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम एनआरसी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी मांग है कि एनआरसी पर सरकार एक बार पुनर्विचार जरूर कर ले। क्योंकि हिन्दुस्तान में सभी लोग मिलकर रह रहे हैं।
मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम एनआरसी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी मांग है कि एनआरसी पर सरकार एक बार पुनर्विचार जरूर कर ले। क्योंकि हिन्दुस्तान में सभी लोग मिलकर रह रहे हैं।
सच्चर कमेटी ने भी नहीं किया इंसाफ
मौलाना यूसुब अब्बास ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए गठित जस्टिस सच्चर कमेटी ने भी हमारे साथ न्याय नहीं किया।
मौलाना यूसुब अब्बास ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए गठित जस्टिस सच्चर कमेटी ने भी हमारे साथ न्याय नहीं किया।
अपनी मांगों और चिंताओं से अवगत कराने के लिए शिया समुदाय का प्रतिनिधि मंडल दो बार जस्टिस सच्चर से मिलने गया, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई। जब सच्चर कमीशन की रिपोर्ट पेश की गई तो शिया समुदाय को नजरअन्दाज किया गया। मौलाना ने कहा कि अधिवेशन के बाद शिया समुदाय की संख्या के अनुपात में केंद्र तथा राज्य सरकारों से अधिकार देने की मांग की जाएगी।
अल्पसंख्यक कोटे से हमें हमारा हिस्सा भी नहीं मिलता
मौलान यासूब अब्बास ने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि एक कमीशन बनाए और शिया समुदाय का सर्वे कराए, ताकि यह पता चल सके कि हिन्दुस्तान में हम 7 करोड़ हैं या सिर्फ 7 हैं।
मौलान यासूब अब्बास ने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि एक कमीशन बनाए और शिया समुदाय का सर्वे कराए, ताकि यह पता चल सके कि हिन्दुस्तान में हम 7 करोड़ हैं या सिर्फ 7 हैं।
मौलाना ने कहा कि हम किसी दूसरे की रोटी नहीं खाना चाहते, लेकिन हमें हमारा हिस्सा भी नहीं मिलता। सरकार की तरफ से अल्पसंख्यकों को मिलने कोई भी मदद शिया समुदाय तक नहीं पहुंचती। मौलाना ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि हज सब्सिडी जारी रखी जाए।
शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड एक करने का विरोध
शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक में मिलने की खबरों पर मौलाना ने कहा कि हम इससे सहमत नहीं हैं। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा होने से शिया मुसलमानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम यूपी और बिहार की तर्ज पर पूरे मुल्क में शिया वक्फ बोर्ड बनाने की मांग कर रहे हैं।
शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक में मिलने की खबरों पर मौलाना ने कहा कि हम इससे सहमत नहीं हैं। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा होने से शिया मुसलमानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम यूपी और बिहार की तर्ज पर पूरे मुल्क में शिया वक्फ बोर्ड बनाने की मांग कर रहे हैं।
रिव्यू पिटीशन संवैधानिक अधिकार
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि संविधान में रिव्यु पिटीशन का अधिकार मिला हुआ है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि संविधान में रिव्यु पिटीशन का अधिकार मिला हुआ है।
इसलिए यदि कोई रिव्यु की मांग कर रहा है तो उस पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। 5 एकड़ जमीन के सवाल पर मौलाना ने कहा कि मस्जिद के लिए जमीन शिया समुदाय को नहीं बल्कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली है, इसलिए जमीन लेने या न लेने की निर्णय सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूखी की करेंगे। मौलाना ने कहा कि हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है, यहां सभी समुदाय के लोग मिलकर रह रहे हैं। इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
Source- http://shiaqaum.com/shia-sunni-waqf-board-should-not-be-merged-and-there-should-be-specific-column-for-shia-community-in-census-says-maulana-yasoob-abbas-8-dec-2019/
Source- http://shiaqaum.com/shia-sunni-waqf-board-should-not-be-merged-and-there-should-be-specific-column-for-shia-community-in-census-says-maulana-yasoob-abbas-8-dec-2019/
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